बहवो दुर्लभाश्चैव ये त्वया कीर्तिता गुणा: ।
मुने वक्ष्याम्यहं बुद्ध्वा तैर्युक्तश्श्रूयतान्नर: ।।1.1.7।।
बहव: many,
दुर्लभा: च एव rare indeed are the ordinary people endowed with such qualities,
ये those
त्वया by you,
कीर्तिता: described,
गुणा: qualities,
मुने OSage Valmiki,
वक्ष्यामि shall tell you.
अहम् I,
बुद्ध्वा having ascertained,
तै: with those qualities,
युक्त: endowed with,
श्रूयताम् listen,
नर: man,
राम , हरि, पति, सखि, गुरु , दातृ , पितृ, रै गो ग्लौ
जलमुच वणिज राज मरुत पचत धीमत महत सुहृद राजन आत्मन श्वन
युवन मघवन पथिन करिन विश तादृश द्विष वेधस श्रेयस विद्वस
पुंस दोस लिहू
रमा मति नदी श्री स्त्री धेनु वधु भू स्वसृ मातृ
वाच स्रज शरद क्षुद सीमन अप ककुभ गिर
दिव निश दिश भास् आशिस उपानह
फल वारि दधि शुचि मधु गुरु दातृ
सुवाच असृज जगत ददत तुदत पचत महत हृद
नामन कर्मन अहन गुणिन वार तादृश सुत्विष
मनस हविस वपुस तास्तिवास अम्भोरुह
मुने वक्ष्याम्यहं बुद्ध्वा तैर्युक्तश्श्रूयतान्नर: ।।1.1.7।।
बहव: many,
दुर्लभा: च एव rare indeed are the ordinary people endowed with such qualities,
ये those
त्वया by you,
कीर्तिता: described,
गुणा: qualities,
मुने OSage Valmiki,
वक्ष्यामि shall tell you.
अहम् I,
बुद्ध्वा having ascertained,
तै: with those qualities,
युक्त: endowed with,
श्रूयताम् listen,
नर: man,
पुंलिङ्ग:
राम , हरि, पति, सखि, गुरु , दातृ , पितृ, रै गो ग्लौ
जलमुच वणिज राज मरुत पचत धीमत महत सुहृद राजन आत्मन श्वन
युवन मघवन पथिन करिन विश तादृश द्विष वेधस श्रेयस विद्वस
पुंस दोस लिहू
स्त्रीलिङ्ग
रमा मति नदी श्री स्त्री धेनु वधु भू स्वसृ मातृ
वाच स्रज शरद क्षुद सीमन अप ककुभ गिर
दिव निश दिश भास् आशिस उपानह
नपुंसकलिङ्ग
फल वारि दधि शुचि मधु गुरु दातृ
सुवाच असृज जगत ददत तुदत पचत महत हृद
नामन कर्मन अहन गुणिन वार तादृश सुत्विष
मनस हविस वपुस तास्तिवास अम्भोरुह
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