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Balakanda - Prathama Sarga
तपस्स्वाध्यायनिरतं तपस्वी वाग्विदां वरम् ।
नारदं परिपप्रच्छ वाल्मीकिर्मुनिपुङ्गवम् ।।
तप: स्वाध्यायनिरतम् highly dedicated on regular basis to the practice of religious austerities (thinking and meditation) and study (of vedas and scriptures),
तपस्वी ascetic,
वाग्विदां वरम् eloquent among the knowledgeable (best of),
नारदम् Narada,
परिपप्रच्छ enquired.
वाल्मीकि: Valmiki,
मुनिपुङ्गवम् preeminent among sages,
verbs
परिपप्रच्छ enquired.
Identify the root and declension of every word.
Shlok 2
alas - without energy
aranyam - forest
ashvah - a horse
asakt (a) - not feeling interested
asamati - dissent
asooyaa - envy
asmadiya - ours
aham - nom. sing.of asmad meaning, I
ahih: - a serpent
aheerah: - A cow herd
एक वचन - प्रथमा विभक्ति पद
पुंलिङ्ग:
राम , हरि, पति, सखि, गुरु , दातृ , पितृ, रै गो ग्लौ 10
रामः हरिः पतिः सखा गुरुः दाता पिता राः गौ: ग्लौ:
जलमुच वणिज राज मरुत पचत धीमत महत सुहृद राजन आत्मन श्वन 11
जलमुक वणिक राट मरुत पचन धीमान महान सुहृत राजा आत्मा श्वा
युवन मघवन पथिन करिन विश तादृश द्विष वेधस श्रेयस विद्वस
युवा मघवा पन्था: करी विट तादृक द्विट वेधा: श्रेयान विद्वान
पुंस दोस लिहू 13
पुमान दो: लिट्
स्त्रीलिङ्ग
रमा मति नदी श्री स्त्री धेनु वधु भू स्वसृ मातृ 10
रमा मति: नदी श्री: स्त्री धेनु: वधू: भृ: स्वसा माता
वाच स्रज शरद क्षुद सीमन अप ककुभ गिर
क्षुत ककुभ गी:
दिव निश दिश भास् आशिस उपानह 14
द्यौ: भा: आसी: उपानत
नपुंसकलिङ्ग
फल वारि दधि शुचि मधु गुरु दातृ 7
फलम वारि दधि शुचि मधु गुरु दातृ
सुवाच असृज जगत ददत तुदत पचत महत हृद
सुवाक असृक जगत ददत तुदत पचत महत हृत
नामन कर्मन अहन गुणिन वार तादृश सुत्विष
नाम कर्म अह: गुणि वा: तादृक सुत्विट
मनस हविस वपुस तस्तिवस अम्भोरुह 20
मन: हवि: वपु: तस्तिवत अम्भोरुट
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